
विशुनपुर पोखर के उड़ाही पर लगा ग्रहण, ग्रामीणों ने डीएम एवं विभाग को आवेदन देकर की जांच की मांग
फेनहारा: प्रखंड क्षेत्र के बिशुनपुर बसंत के मठ पर स्थिति पोखर का जल जीवन हरियाली के तहत उड़ाही का कार्य शुरू होने के साथ बंद होता दिख रहा है। पोखर उड़ाही का कार्य अधूरा कार्य होने के कारण वहां के ग्रामीणों में काफी आक्रोश हैं। इसको लेकर ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से डीएम, एसडीओ, बीडीओ, लघु सिचाई प्रमंडल को आवेदन के कर कार्य की जांच कराने का मांग किया हैं।
ग्रामीण मनी भूषण सिंह, मोती बैठा, ललन राय, रघुबंस सिंह, हंस लाल पासवान, राम प्रवेश यादव सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने डीएम सहित तमाम अधिकारी को आवेदन दे कर कार्यवाई की जांच कराने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि पोखर के उड़ाही का कार्य 27 नवंबर 2019 से शुरू कर 31 मार्च 2020 तक पूरा कर लेना था, लेकिन आज तक कार्य पूरा नहीं हो सका। जब बरसात शुरू हुई तो ठीकेदार द्वारा केवल पोखर के किनारे से मिट्टी कटवा कर बांध बनवा दिया गया। उसके बाद बारिश शुरू हो गई। ठीकेदार अपना बोरिया बिस्तर बांध वहां से चल दिया।
जिस पोखर पर जल जीवन हरियाली के तगत पोखर का उड़ाही कराया जा रहा है, उसके एक तरफ मठ है तो दूसरी तरफ स्कूल। इतना ही नहीं गांव के लोग यही छठ और दुर्गा पूजा भी करते हैं। ऐसे में जिस तरह से पोखर के किनारे पर ही ठीकेदार द्वारा गढ्ढा करा दिया गया है, अगर कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा।
इस संबंध में जेई का कहना है कि पोखर उड़ाही का कार्य चल रहा है। जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि जैसे ही वर्षा शुरू हुई वैसे ही ठीकेदार अपना सामान रातों रात ले कर चला गया।
लघु सिंचाई विभाग के जेई शैलेन्द्र ने बताया कि लघु जल संसाधन विभाग से जल जीवन हरियाली अभियान के तहत फेनहारा प्रखंड के बिशुनपुर पोखर का उड़ाही और उस पर पुल का निर्माण करने के लिए 2956563 रुपया के लागत से कार्य हो रहा है। जिसके कार्य की शुरुआत 27 नवंबर 2019 को किया गया। कार्य को 31 मार्च 2020 तक पूरा कर लेना था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ, जिसको बाद विभाग ने 30 जून तक कार्य पूरा करने का एक्सटेंशन दिया गया है। जिस पर ठीकेदार द्वारा अभी भी काम कराया जा रहा है।
न्यूज़ डेस्क
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