
भारत में बन गया करोना का देसी दवा, 50 मरीजों पर किया गया सफल परीक्षण
नई दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के बीच अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। भारत की पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का ट्रायल तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। रोहतक में इसके फेज 1 ट्रायल का पहला पार्ट पूरा हो चुका है। देशभर में 50 लोगों को इस वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
Covaxin का सबसे बड़ा ट्रायल दिल्ली एम्स में चल रहा है। पहले चरण में संस्थान को 100 वॉलंटियर्स पर ट्रायल करना है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली एम्स के ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए करीब 3500 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा दूसरे राज्यों के हैं। दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर वॉलंटियर्स के शरीर में पहले से ही कोरोना के खिलाफ ऐंटीबॉडी मौजूद है।
इसका मतलब है कि वे ट्रायल के लिए योग्य नहीं हैं। एम्स में शुक्रवार को एक शख्स को वैक्सीन की डोज दी गई थी। उसे किसी भी प्रकार का रिएक्शन नहीं हुआ और दो घंटे बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
शनिवार को पीजीआई रोहतक के साइंटिस्ट्स ने दूसरे दौर की प्रक्रिया शुरू कर दी। उन्होंने छह और लोगों को वैक्सीन की डोज दी है। ट्रायल टीम में प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डॉ सविता शर्मा ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल के शुरुआती नतीजे बेहद 'उत्साहवर्धक' रहे हैं।
डॉक्टर ने बताया कि वॉलंटियर्स को एक डायरी दी गई है, जिसे उन्हें मेंटेन करना है। अगर उन्हें कोई दिक्कत होती है तो उसके बारे में लिखना है। उन्होंने कहा कि वॉलंटियर को फॉलोअप के लिए सात दिन बाद फिर बुलाया जाएगा, लेकिन इस बीच में अगर उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है, तो कभी भी आ सकते हैं।
यही नहीं, वैक्सीन टीम के लोग फोन के जरिए उनके संपर्क में रहेंगे और रोज हालचाल लिया जाएगा। वैक्सीनेशन के बाद इसकी सेफ्टी की रिपोर्ट एथिक्स कमिटी को भेजी जाएगी
न्यूज डेस्क
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