
श्रावण सोमवार का है विशेष महत्व : आचार्य अभिषेक कुमार दूबे
चकिया: हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व है । श्रावण मास को मनोकामनाएं पूरा करने का महीना भी कहा जाता है । शास्त्रों के अनुसार भोलेनाथ को ये महीना बहुत प्रिय है और जो भी भक्त सावन के महीने में पूरे विधि-विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं, उन पर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है।
सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का बहुत महत्व माना जाता है। सोमवार शिव का अत्यंत प्रिय दिवस है। इस दिन शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनके पूजन के लिए अलग-अलग विधान भी है। भक्त जैसे चाहे अपनी कामनाओं के लिए उनका पूजन कर सकता है।
शिवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे ।
अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरंण मम्।।
उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द अति मधुर है। शिव शब्द की उत्पत्ति वश कान्तौ धातु से हुई हैं। जिसका तात्पर्य है जिसको सब चाहें वह शिव हैं ओर सब चाहते हैं आंनद को अर्थात शिव का अर्थ हुआ आंनद। शिव पुराण के अनुसार जो भी इस माह में सोमवार का व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं ।
मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह सम्बंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। सोमवार का दिन शिवजी की पूजा के लिए खास माना जाता है। 13 जुलाई सोमवार को रेवती नक्षत्र व कृष्ण पक्ष अष्टमी है। जो विवाह के लिए संबंध व तिथि तय करने के लिए श्रेष्ठ दिन है। इस दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें, मंगलकारी होगा।
हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। बिल्वपत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं । दांपत्य जीवन की खटास दूर करने के लिए पति-पत्नी को मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करना चाहिए।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें और भगवान शिव के मंदिर में या घर के पूजन स्थल में शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से जलाएं।
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