
बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक 5 सितम्बर(शिक्षक दिवस) को काला दिवस के रूप में मनाने के लिए है तैयार: नवलकिशोर सिंह
मोतिहारी (Motihari): बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नवलकिशोर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों के लिए पारित सेवा शर्त व वेतन वृद्धि धोखा/छलावा है। सरकार हमारी सात सूत्री मांगों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से जो नई सेवा शर्त व वेतन वृद्धि कैबिनेट से पारित करवाकर हम नियोजित शिक्षकों पर थोप रही है वह हमे मंजूर नहीं है।
श्री सिंह ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि यथाशीघ्र उक्त सेवा शर्त व वेतन वृद्धि को निरस्त कर हमारे सात सूत्री मांगों को लागू करें अन्यथा बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक आगामी शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाकर आपके शिक्षा एवम् शिक्षक विरोधी निति को बेनकाब करेंगे।
प्रदेश उपाध्यक्ष बलराम राम एवम् शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि 5 सितम्बर को काला दिवस के रूप में मनाकर हम सरकार के गलत नीतियों का विरोध करेंगे साथ ही मांगे पूरी होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार के तानाशाही तथा शिक्षा एवम् शिक्षक विरोधी निति के खिलाफ आक्रोशित होते हुए कहा कि राज्य सरकार बार-बार हम नियोजित शिक्षकों के मूल मांगों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से कुछ न कुछ करते रहती है जो हम चार लाख नियोजित शिक्षकों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। सरकार के इस कृत्य पर श्री ठाकुर ने कहा कि बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक इस लुभावनी सेवा शर्त व वेतन वृद्धि के झांसे में नहीं आने वाले है तथा इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
श्री ठाकुर ने राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों से अपील की कि आगामी 5 सितम्बर(शिक्षक दिवस) को काला दिवस के रूप में मनाकर सरकार के शिक्षा एवम् शिक्षक विरोधी नितियों का बहिष्कार करते हुए विरोध दर्ज करें। साथ ही यह ध्यान रहे कि अपने सुविधानुसार सभी शिक्षक साथी विद्यालय, संकुल, प्रखण्ड या जिला स्तर पर बाहों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करेंगे।
न्यूज़ डेस्क
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