
बकरीद पर्व का पैगाम इंसान चले इंसानियत की राह
Keshariya (केसरिया संसू): प्रखंड क्षेत्र में सबसे पुराना जामा मस्जिद में निहायत सादगी के साथ ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई।
इस अवसर पर केसरिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अनिसुर रहमान चिश्ती ने कहा कि हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माईल की याद में कुर्बानी की जाती है और यह उनकी सुन्नत भी है ।
कुर्बानी का पैगाम यह है की मां बाप की खिदमत की जाए और उनकी हर बात मानी जाए साथ ही गरीब मिस्कीन का ख्याल रखा जाए और समाज में आपसी भाईचारा इंसानियत अकीदत प्रेम मोहब्बत के साथ जिंदगी गुजारी जाए और खुद को गुनाहों से बचाया जाए और नेक काम करने की आदत डाली जाए और समाज के हर तबका के लोगों के साथ भलाई किया जाए।
जबकि कौमी एकता फ्रंट के अध्यक्ष वसील अहमद खान ने कहा के इस पवित्र अवसर पर हम अपने आसपास में रहने वाले जरूरतमंदों का ध्यान रखें उनकी मदद करें और बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता करें कुर्बानी का मकसद यही है कि इंसान के अंदर इंसानियत आ जाए और आपसी सद्भाव प्रेम के साथ अपनी जिंदगी गुजारें।
हजरत स्माइल की वफादारी को देखते हुए उनकी जगह जन्नत से दुंबा लाया गया और उसकी कुर्बानी हुई और उसी इतिहास को जिंदा रखते हुए कुर्बानी पेश किया जाता है ।
केसरिया से दीनानाथ पाठक की रिपोर्ट
इस मौके पर हाजी मोहम्मद हबीब,मोहम्मद सरुद्दीन,मोहम्मद जलील,इम्तियाज अली,मोहम्मद असरफ इत्यादि उपस्थित थे।
केसरिया से दीनानाथ पाठक की रिपोर्ट
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