
शहर से लेकर गांव तक बड़ी धूमधाम से मनाया गया भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार
Keshariya (केसरिया): केसरिया प्रखंड के शहरों से लेकर सभी गांव में राखी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। श्रावणी पूर्णिमा के रोज अपने भाई के कलाई में राखी बांधकर जुग-जुग जीने की आशीर्वाद देती है ,मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करती हैं और अपने भाई को धूप दीप दिखाकर आरती उतारती है एवं रक्षाबंधन को लेकर भाई बहन का प्रेम अटूट संबंध को साथ भाई भी अपनी खुशी से अपने बहन को किसी भी प्रकार का गिफ्ट देते हैं।
रक्षाबंधन का त्यौहार एक बहुत प्राचीन कथा भी है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। भगवान इन्द्र घबरा कर बृहस्पति के पास गये। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के कलाई पर ब्राह्मणों के द्वारा बांध वाया गया था।
संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है।
इतिहास मे कृष्ण और द्रौपदी की कहानी प्रसिद्ध है, जिसमे युद्ध के दौरान श्री कृष्ण की उंगली घायल हो गई थी, श्री कृष्ण की घायल उंगली को द्रौपदी ने अपनी साड़ी मे से एक टुकड़ा बाँध दिया था, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट मे द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था।
केसरिया से दीनानाथ पाठक की रिपोर्ट
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