
बिहार सरकार में हर मोर्चे पर फेल, किसानों के साथ कर रही है अन्याय: ललन सिन्हा
मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से सर्वेक्षण कर एक क्षण में किसानो के दुःख दर्द समस्या को समझ गए और (₹7500) सात हजार पांच सौ रुपया मुआवजा देने की घोसना की। भले धरातल पर किसानो के पास योजना का लाभ पहुँचे न पहुँचे अधिकारी, जनप्रतिनिधि, दलाल, की खूब चांदी कटेगी।
आप आकलन कीजिये क्या किसानो को पचहतर सौ रुपया से बैंक के कर्ज में डूबे किसानो की माली हालात में सुधार आ जायेगी। क्या इस विकटता से किसान आत्म हत्या करने पर विवश नही होगी। आखिर नितीस कुमार किसान के साथ कब तक अन्याय करती रहेगी क्या इनके सिर्फ अपनी कुर्सी दिखाई देती है किसानो की समस्या नही।वही दिल्ली सरकार किसानो को प्रति एकड़ 50.000 पचास हजार रुपया मुआबजा देती है और और बिहार सरकार मात्र 7.500 पचहतर सौ।
कोरोना वायरस हों या मौसम की मार से बर्बाद किसान सबके मूल भुत समस्या को समझती है केजरीवाल सरकार दिल्ली सरकार से नितीश कुमार को सीखनी चाहिए और ये तभी सीखेंगे जब इनकी निति और नियत दोनों साफ होगी।
वही आज ही के दिन जीतपुर में गांव में शौचालय की टँकी में कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन गैस से हुई दर्दनाक मौत पर उन सभी मृत व्यक्तियो के सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन व्रत रखा गया।
मौके पर दरवेश कुशवाहा, विश्वनाथ महतो, नुरुल होद्दा, रामु कुमार, अमन अंसारी, सुजय कुमार, दिलीप कुमार, सन्नी कुमार, तौहीद खान, विरेन्द्र राम, भैरवलाल साह, जीतेन्दर कुमार इत्यादि दर्जनों कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
न्यूज़ डेस्क
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