सिर्फ स्लोगन लिखने से महिला का सम्मान नही होगा: ललन सिन्हा

सिर्फ स्लोगन लिखने से महिला का सम्मान नही होगा: ललन सिन्हा

सिर्फ अश्लोगन लिखने से महिला का सम्मान नही होगा: ललन सिन्हा
पीपराकोठी (Piprakothi): कल्पना कीजिए उस देश की, जहाँ दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति होगी, जगमगाता हुआ भव्य राम मंदिर होगा, सरयू में देशी घी के छह लाख दीयों की अभूतपूर्व शोभायमान महाआरती हो रही होगी, सड़कों, गलियों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर जुगाली और चिंतन में संलग्न गौवंश आराम फरमा रहा होगा, धर्म उल्लू की तरह हर आदमी के सर पर बैठा होगा। और अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं होगी, दवाइयां, बेड, इन्जेक्शन नहीं होंगे, दुधमुंहे बच्चे बे-सांस दम तोड़ रहे होंगे मरीज दर-ब-दर भटक रहे होंगे, बिहार में ढंग के स्कूल-कॉलेज नहीं होंगे, बच्चे कामकाज की तलाश में शहरो में भटक रहे होंगे। उक्त बाते आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सह नरकटिया विधान सभा नेता ललन कुमार सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कही। 

आगे उन्होंने कहा की कोविड-19 जैसी महामारियां देश पर ताला लगा रही होगी और बिहार के प्रवासी मजदूर भूखे-प्यासे सैकड़ों मील की पैदल यात्रा कर रहे होंगे, आम जनता घुट-घुट कर जी रहे होंगे और तिल-तिल कर मर रहे होंगे । बेटियां  स्कूलों, कॉलेजों, मेडिकल, इंजीनियरिंग संस्थाओं में न होकर सिर्फ़ सड़कों पर दौड़ रहे ट्रकों के पीछे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारों में ही होंगी और न्याय एक महँगा विलासिता की चीज होगा। बेटियों, महिलाओं के हत्यारों, बलात्कारियों और दूसरे जघन्यतम अपराधियों को पुलिस बल गार्ड-ऑफ़-ऑनर पेश कर रहे होंगे। अलग-अलग वेषभूषा में मुनाफ़ाखोर और अपराधी-प्रवृत्ति के लोग देश के सम्मानित और गणमान्य नागरिक होंगे और मीडिया उनका जय-जयकार कर रही होगी। 

विश्व स्तर के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान नहीं होंगे, अस्पताल नहीं होंगे, बेहतरीन किस्म की शोध संस्थान और प्रयोगशालाएं भी नहीं होंगी, भूख और बेरोजगारी से जूझती जनता के लिए चूरन होंगे, अवलेह और आसव होंगे, सांस रोकने-छोड़ने के करतब होंगे, अनुलोम-विलोम होगा, काढ़े होंगे और इन सबसे ऊपर, कोई शातिर तपस्वी उद्योगपति होगा, जो धर्म, अध्यात्म, तप-त्याग, और दर्शन की पुड़ियाओं में भस्म-भभूत और आरोग्य के ईश्वरीय वरदान लपेट रहा होगा। आगे उन्हों ने कहाँ भोली भाली जनता को धर्म और जाती के नाम पर उलझाकर उससे राजनीती फायदे उठाये जा रहे हैं, लेकिन देश जनता को स्कुल अस्पताल के वजाए धर्म उलझा कर गुमराह किया जा रहा है। 

वहीं देश में दिल्ली मॉडल चर्चा पुरे देश दुनिया में हो रही है लेकिन सत्ता के लोभी नितीश कुमार के आँखों में मोतियाबीन हो गई है इन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी दिखाई देती है जनता की पीड़ा और विकास नही।

पिपराकोठी से रामप्रकाश शर्मा की रिपोर्ट



0 Response to "सिर्फ स्लोगन लिखने से महिला का सम्मान नही होगा: ललन सिन्हा"

Post a Comment

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article