चंपारण में मानव व्यापार का धंधा, आवेदन के दो वर्ष बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं

चंपारण में मानव व्यापार का धंधा, आवेदन के दो वर्ष बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं

चंपारण में मानव व्यापार का धंधा, आवेदन के दो वर्ष बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं
Beatia (बेतिया): पश्चिम चम्पारण जिला अन्तर्गत नरकटियागंज अनुमण्डल के गौनाहा थाना के रूपवलिया गाँव में उसी गाँव के किशोर महतो पिता स्व. राम नारायण महतो, मनोज महतो (मनोज कुमार) 40 वर्ष पिता अमीरचन्द्र महतो व अन्य लगभग 12 व्यक्तियों ने मारपीट किया। इस संबंध में गौनाहा थाना में प्राथमिकी दर्ज है।

उस आवेदन में इस बात का उल्लेख है कि मनोज महतो उर्फ मनोज कुमार मानव व्यापार से जुड़ा है। पीड़ित के आवेदन के अनुसार शिकारपुर थाना में मानव व्यापार का मामला दर्ज है, हालाकि प्रशासनिक पुष्टि नही है।

सनद रहे कि पत्रकार मंजय लाल सत्यम ने अक्तूबर 2018 व जनवरी 2019 में मानव व्यापारी सेक्स रैकेट संचालक मनोज कुमार (मनोज महतो) पिता अमीरचन्द्र महतो रूपवलिया थाना गौनाहा के विरूद्ध शिकारपुर थाना को आवेदन दिया है। सफेदपोशों की आड़ में आखिर ये सेक्स रैकेट खेल कब तक चलेगा।

रामनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में प्रत्याशी रहे मंजयलाल बताते हैं कि जिला में संचालित सेक्स रैकेट में नीचे से उपर तक तथाकथित शासक व प्रशासक के शामिल होने की आशंका है। इसलिए एक वर्ष ग्यारह माह में प्राथमिकी तक दर्ज नही हुई। हाल में एक आशा कार्यकर्ता जो भाजपा की नेत्री भी है, उसपर सेक्स रैकेट संचालन का आरोप लगा कर, उसे मारने की साज़िश रची गयी। जिसके लिए चंदा ने पुलिस बुलाकर नाकाम कर दिया।

चंदा देवी के विरुद्ध किसी ने को शिकायत पुलिस को नहीं दिया। बेटी बचाओ, बेटी एक पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार, पश्चिम चम्पारण जिला में बड़े पैमाने पर संचालित सेक्स रैकेट का पर्दाफाश क्यों नहीं करती, क्योंकि उस आग में बड़े-बड़ो के झुलसने का भय है। अभी मुजफ्फपुर शेल्टर होम की आग ठंढ़ी नही पड़ी कि पश्चिम चम्पारण का यह मामला उच्छाल न मारे। ऐसे में चुनावी नैया का बेड़ा गर्क न हो जाए। क्योंकि सेक्स रैकेट के इस दावानल से निकली आग की तपीश से न केवल पटना बल्कि दिल्ली तक कि राजनीति में शामिल लोग झुलसने लगेंगे। स्कूल से लेकर कॉलेज तक इसके तार जुड़े हैं, जिससे जुड़े कई सफेदपोश लक्जरियस गाड़ियों में घूम रहे हैं।

अबतक सेक्स के सभी खिलाडी बेदाग बने हुए। सेक्स रैकेट माफियाओं को शहर में खुलेआम सम्मान मिल रहा है और वे घूम रहे हैं। अब देखना है कि सेक्स रैकेट माफियाओं के विरुद्ध दो वर्ष में प्राथमिकी दर्ज हो रही है या पुलिस प्रशासना व क्षेत्रीय तथाकथित स्वयंभू समाजिक कार्यकर्ता शर्मनाक और घिनौनी हरकत पर मौन धारण किये रहेंगे। इसका संचालन रात न सिर्फ़ स्याह रात के अंधेरे में का होता है बल्कि दिन के उजाले में राजधानी तक ऊँची पकड़ व पहुँच के बूते हो रहा है। जहाँ कई सफेदपोश उपभोक्ता गिड़गिड़ाते हैं कई किसी को ठिकाने लगाने में सफल हो जाते हैं। गौनाहा थाना क्षेत्र में ऐसे मामले आये जिसे मीडिया ने उच्छाल तो दिया, अलबत्ता एफआईआर आजतक दर्ज़ नहीं हो सकी।

नरकटियागंज अनुमण्डल क्षेत्र की कई पीड़िता पहचान गुप्त रखने की शर्त पर पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश कुमार शर्मा व मंजयलाल सत्यम को बताया कि उन्हें व उनके परिजनों को धमकियां मिलती है। कोई नेता, स्वयंसेवी संगठन बचाने आगे नही आते हैं। कितनी लड़कियों की हत्या कर यत्र तत्र लावारिस फेंकवा दिया गया।

संचालको का शहर में बेखौफ घूमना, घिनौनेकृत्य की सघन जांच और दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होना, आखिर जिला से लेकर राजधानी तक पकड़ रखने वाले कथित दिग्गजों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। कोई व्यक्ति या संगठन आवाज़ उठाने से गुरेज़ करता है कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना न हो जाए।


न्यूज डेस्क



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