
चीनी उद्योग व एथेनॉल प्लांट से प्रदूषण और फसलों की बर्बादी के विरोध में किसानों ने किया प्रदर्शन
Bettiah (बेतिया): पश्चिम चम्पारण जिला स्थित मझौलिया मिल गेट के पास बैठनिया भानाचक के किसान एकत्र होकर मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट के प्रदूषण फैलाने पर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि मिल जो प्रदूषित पानी कृषि योग्य खेतों में छोड़ देता है, उससे फसल बर्बाद हो रहा है।
किसानों कहते हैं कि चीनी उद्योग के कारखाना से छोड़ा जाने वाला प्रदूषित जल में विभिन्न रसायनिक पदार्थ और तेजाब अत्यधिक मात्रा में रहता है। उसके खेतों में छोड़ देता है, जिससे खेतों की फसल को भारी क्षति पहुंचती है। कारखाना क्षेत्र के आस पास के गाँव का पानी प्रदूषित हो गया है। जिसे पीकर मझौलिया मील के 15 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोग अक्सर बीमार होते हैं।
वहाँ के लोगों ने युवा नेता मनीष कश्यप को बुलाकर अपनी समस्याओं को बताया। किसानों ने चीनी मील को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को 20 अगस्त 2020 तक का समय दिया है। 20 अगस्त 2020 तक बकाया भुगतान व खेतों में प्रदूषित रासायनिक जल प्रवाहित करना बंद करे अन्यथा 21 अगस्त 2020 से मिल गेट में तालाबन्दी कर अनिश्चितकालीन तक धरना देंगे। सुगौली के समाजसेवी सुजीत रमन ने कहा कि सरकार किसानों का आय दोगुना करने की बात कर रही है और यहां नेता और मिल की मिलीभगत के कारण किसान मरने को विवश हैं।
किसानों में मील प्रबन्धन की मनमानी के विरूद्ध गुरुवार को सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें मझौलिया व आसपास के गांव के किसान, महिलाएं, ग्रामीण और नेता शामिल हुए। उन्होंने सस्वर कहा कि “मिल हम गरीब किसानों को चैन से जीने दो”।
इस सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में राजन कुमार, निपु पाण्डेय, गोविंद बैठा, शत्रुधन बैठा, शम्भू यादव, बिशेषर बैठा, भिखारी यादव, देवानंद पासवान, भिखारी गिरी, राजू गिरी, रमेश कुशवाहा, महिंद्र पटेल, सतन गिरी समेत कई ग्रामीण शामिल हुए।
न्यूज डेस्क
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