
मनमाने ढंग से सेवा शर्त व वेतन वृद्धि लागू करने को लेकर सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षकों में है भारी आक्रोश : नवलकिशोर सिंह
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुखिया माननीय नीतीश कुमार एवम् शिक्षा मंत्री-कृष्णनंदन वर्मा को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम चार लाख नियोजित शिक्षक इस चायनीज सेवा शर्त व वेतन वृद्धि के झांसे में नहीं आने वाले हैं। हमारी मुख्य मांग राज्यकर्मी का दर्जा, नियमित शिक्षकों की भांति सेवा शर्त एवम् पुरानी पेंशन योजना सहित अन्य मांगो के पूरा(लागू) होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम् शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि 78 दिनों तक चली हड़ताल समापन के बाद सरकार द्वारा सहमति बनी थी कि वार्ता कर सात सूत्री मांगों को लागू करने पर विचार किया जाएगा। लेकिन आखिर बिना वार्ता कर ज़बरन यह सेवा शर्त व वेतन वृद्धि कैसे पारित किया गया। नेता द्वय ने सरकार को आगाह किया कि यथाशीघ्र आप चायनीज सेवा शर्त व वेतन वृद्धि को निरस्त कर हमारे सात सूत्री मांगों को लागू करें अन्यथा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार के इस कृत्य पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा एकबार फिर तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षकों के साथ छल किया गया है। जब हमारा मांग राज्यकर्मी का दर्जा,नियमित शिक्षकों की भांति सेवा शर्त एवम् पुरानी पेंशन योजना सहित अन्य मांग है तो सरकार इससे इतर सेवा शर्त व वेतन वृद्धि देकर क्या साबित करना चाहती है।
श्री ठाकुर ने प्रदेश के मुखिया माननीय नीतीश कुमार एवम् शिक्षा मंत्री-कृष्णनंदन वर्मा से अनुरोध किया कि अब भी वक्त है आगामी चुनाव मे उतरने से पूर्व आप अपनी गलती को सुधार करते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक श्री ब्रजनंदन शर्मा एवम् सभी अध्यक्ष मण्डल सदस्यों के साथ वार्ता कर सात सूत्री मांगों को लागू करें अन्यथा इसबार हम नियोजित शिक्षक आपको सता से बेदखल करने के लिए कोई कसर नही छोडेंगे।
न्यूज़ डेस्क
बिहार के एन डी ए सरकार के खेलाफ विधान सभा चुनाव2020 में नियोजित शिक्षक
ReplyDeleteप्रदर्शन कर सत्ता से बाहर कर सबक सिखाएगा।