
आमजन की थाली से गायब हुई दाल और सब्जी
चकिया(Chakia): आलू व प्याज़ समेत हरी सब्जियों के अलावा दाल के मूल्य में हुई वृद्धि ने खरीदारों का होश फाख्ता कर दिया है, जिस कारण दाल तथा सब्जी लोगों के थाली से गायब हो चुका है।
साथ साथ प्याज की बढ़ी किमत ने सब्जी का ज़ायका भी फिका कर दिया है।कच्चा प्याज़ काटने व खाने से पहले खरीदने में आंसू टपक रहा है।लोग सब्जी के स्थान पर अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से समय गुजारने को मजबूर हैं।
शहर स्थित सब्जी मंडी में प्याज़ 40 रूपये जबकि आलू 35 रूपये तथा हरी सब्जियों में गोभी एक सौ रुपए टमाटर साठ,परवल साठ,करैला साठ,बोरी साठ, भिंडी पचास,खीरा पचास,बैगन पचास,मूली तीस,घिवडा तीस रूपये जबकि कद्दू छोटा अकार चालिस प्रति पीस रूपये बिक रहा है।
वहीं काबुली चना पचासी से नब्बे साधारण चना साठ तथा दाल सत्तर,अरहर दाल पनचानबे, मसुर सत्तर से पचहत्तर,मुंग दाल एक सौ बीस रूपये दाल प्रति किलो बाजार में बिक रहा है। जिस कारण लोगों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बाबत उपभोक्ता सह खरीदार जवाहर प्रसाद,वकील राम,मोहम्मद सलीम,छोटू कुमार, लखींद्र प्रसाद यादव,कुलदीप सिंह,अजीत कुमार उपाध्याय, विजय कुमार मालाकार,दीपक कुमार आदि का कहना था कि सब्जी व दाल के महंगाई से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जरुरत से कम में ही किसी तरह काम चलाया जा रहा है।
वहीं सब्जी विक्रेता ने बताया कि खेत से ही सब्जी महंगा आ रहा है इस कारण महंगे मूल्य पर बेचने को मजबूर हैं।वही प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजदेव रंजन ने बताया कि सब्जी की खेती के लिए ऊंचे तथा समतल भूमि लाभकारी होती है लेकिन इस वर्ष बाढ़ तथा अति वर्षा के कारण हुए जलजमाव से सब्जी के फसल को भारी नुकसान हुआ है। वही बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए मुली,तोडिया की खेती के लिए चयनित किसानों को बीच दिया जा रहा है।
चकिया से अमितेश कुमार रवि की रिपोट
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