
इस वर्ष देवी का आगमन घोड़ा पर व गमन भैंस पर अशुभ फल कारक है :- आचार्य अभिषेक
चकिया (Chakia): इस वर्ष शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। मां भगवती का आगमन घोड़ा पर होगा जो देवी पुराण के अनुसार "छात्रभंगस्तुरंगमे" घोड़े पर देविका आगमन सर्व समाज के लिए अशुभ माना गया है विशेष कर राजसत्ता के लिए अशुभ है। उक्त बातें चकिया प्रखंड के परसौनी खेम गांव के आचार्य अभिषेक ने बताईं।
कलश स्थापन 17 अक्टूबर शनिवार को प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय से प्रारंभ होकर सूर्यास्त पर्यंत किया जाएगा। विशेष अभिजीत मुहूर्त मध्याह्न 11/36 से 12/24 बजे तक है। जगह-जगह पर कलश का स्थापना किया जाएगा। दुर्गा सप्तशती का पाठ भी इसी दिन से प्रारंभ होगा।
द्वितीया तिथि 18 को , तृतीय तिथि 19 को , चतुर्थी तिथि 20 को , पञ्चमी तिथि 21 को , विल्वाभिमंत्रण षष्ठी तिथि गुरुवार 22 अक्टूबर को सायंकाल किया जाएगा। 23 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातः बिल्वछेदन किया जाएगा व नवपत्रिका प्रवेश के साथ मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा भी इसी दिन किया जाएगा। शुक्रवार की रात्रि में ही महा निशा पूजन संपन्न होगा।
अष्टमी व्रत 24 अक्टूबर शनिवार को है । नवमी तिथि में रविवार के दिन हवन , पूर्णाहुति व बटुक कुमारी पूजन किया जाएगा इसी दिन विजयादशमी भी मनाया जाएगा । मूर्तियों का विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा रविवार के दिन माता का गमन भैंस पर है जो दुख कारक है यानि देवी का आगमन और गमन दोनों ही कष्टकारी है।
चकिया से अमितेश कुमार रवि की रिपोर्ट
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