
जन कल्याण संघर्ष समिति के तत्वाधान में बेरोजगारों को रोजगार देने के मुद्दे पर एक दिवसीय धरना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधान सभा प्रत्यासी सह रालोसपा के किसान प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सिंह कुशवाहा ने कहा कि एक वितीय वर्ष में एक बैंक साढ़े तीन करोड़ रुपया मुनाफा करता है। प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण के माध्यम बैंक ऋण देकर बेरोजगारी को दूर करने की पहल सरकार कर सकती है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ऐसा नहीं कर रही है और सरकार की नीयत भी नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मुद्रा ऋण के माध्यम से ऋण लेने वाले बेरोजगारों को बिना किसी गारंटी के दस लाख मुद्रा ऋण मिलेगा। लेकिन बेरोजगारों को रोजगार देने में सरकार की नीयत साफ नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंकों द्वारा सक्षम व्यवसायियों को मुद्रा ऋण के माध्यम से ऋण देकर खानापूर्ति की जाती है। वही अगर सब्जी बेचने वाले चाय नास्ता दुकान वालों, मछली बेचने वालों, मुर्गा अंडा बेचने वाले, मोटरसाइकिल मिस्त्री सहित छोटे छोटे दुकानदारों को बैंक मुद्रा ऋण नहीं देती है। कहा कि पंचायत सरकार भवन में कार्यालय संचालन कराया जाय। जिससे पंचायतो के लोगों को विकास जैसे काम को सुचारू रूप से शुरू कराया जाय जिससे लोगों को सभी सुविधाये पंचायत में ही मिलने लगेगी। जिला में लगभग एक सौ पंचायत भवन बन कर तैयार है लेकिन सरकार की गलत नीतिओ का ही नतीजा है। अभी तक उक्त सरकार भवन को शुरू नहीं किया गया है। अंत पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन प्रतिनिधि मंडल ने अनुमंडल पदाधिकारी को सौप दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक शिवशंकर कुशवाहा की जबकि संचालन यादोलाल पासवान ने किया। कार्यक्रम में संजय कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह, अखिलेश सिंह,रबिन्द्रनाथ सांडिल्य, कविता देवी, अजय कुमार, चंद्रिका सहनी, आलोक कुशवाहा, धनिलाल महतो,रामलाल भगत,सुबोध महतो सहित अन्य शामिल थे।
चकिया से अमितेश कुमार रवि की रिपोर्ट
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