
कहीं आपके आधार कार्ड और पैन कार्ड से तो नहीं लिया जा रहा फर्जी लोन? ऐसे बचें।
इसलिए आम लोगों को अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड (PAN Card) का नंबर भी अपने एटीएम पिन की तरह किसी भी हाल में साझा नहीं करें. आये दिन हजारों लोगों के पास लोन स्वीकृत होने से संबंधित फोन विभिन्न बैंकों के नाम पर आते रहते है. अधिकारियों की मानें, तो बैंक के नाम पर जालसाज फोन कर लोगाें से लोन स्वीकृत होने की सूचना देते हैं और खाता, आधार (Aadhaar Card) व पैन नंबर मांगते हैं.
फोन पर ऑफर देने वाले से सूचना साझा न करें- स्टेट बैंक के पूर्व अधिकारी वंशीधर प्रसाद ने बताया कि ऑनलाइन ऑफर देने वाले कॉल पर किसी तरह की सूचना साझा नहीं करें. बैंकों के अलावा जालसाज भी इसी प्रक्रिया का पालन कर सारी जानकारी एकत्र कर लेते हैं और उसका उपयोग कर लेते हैं. मोबाइल पर आये मैसेज को नहीं खोलना चाहिए और न ही जबाव देना चाहिए. अगर बार-बार कॉल आता है, तो इसकी शिकायत स्थानीय थाना और साइबर सेल से करनी चाहिए.
बैंक अधिकारियों की मानें, तो जानकारी के बिना किसी के आइडी पर लाखों-लाख रुपये का लोन स्वीकृत करा कर अपने खाते में ट्रांसफर करवा कर रुपये निकाल लिये जाते हैं. जालसाजी करने वाले के कारण सिबिल रिकॉर्ड बिगड़ जाता है और कोई भी बैंक फिर लोन नहीं देता है. फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार करने के लिए मोबाइल एप और फोटोशॉप जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए फाइनेंशियल कंपनियों और निजी बैंकों में ऋण देने के लिए जो आधार कार्ड व पैन कार्ड जमा कराया जाता है. उससे भी क्लोनिंग कर फर्जी आइ कार्ड बनाये जा रहे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
बैंकों और अन्य वित्तीय कंपनियों द्वारा किसी भी ऋण स्वीकृति के पूर्व आधार कार्ड व पैन कार्ड की वैधता की तकनीकी जांच कर लेनी चाहिए.
डीएन त्रिवेदी, संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन
न्यूज़ डेस्क
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